हिरण्यगर्भ सूक्त वाक्य
उच्चारण: [ hirenyegarebh suket ]
उदाहरण वाक्य
- ऋग्वेद के हिरण्यगर्भ सूक्त में कहा गया है कि प्रारम्भ में सर्वत्र हिरण्यगर्भ की ही सत्ता थी।
- तथा हिरण्यगर्भ सूक्त (ऋ०१०/१२१/१-१०) और विवाह आदि के सूक्त (ऋ० १०/८५/१-४७) वर्णित हैं, जिनमें ज्ञान विज्ञान का चरमोत्कर्ष दिखलाई देता है।
- प्राचीन भारतीय मुनियों ने यद्यपि हिरण्यगर्भ सूक्त के माध्यम से सृष्टि की उत्पत्ति की व्याख्या करने का प्रयास अवश्य किया था.
- हिरण्यगर्भ सूक्त में उद्गाता मुनि ब्रह्मांड की उत्पत्ति से पहले की स्थिति की कल्पना करते हुए लिखता है-हिरण्यगर्भः समवर्तताग्रे भूतस्य जातः पतिरेक आसीत्.
- किसी को कोई संदेह न हो, इसलिए ऋग्वेद में यह नासदीय सूक्त से पहले, हिरण्यगर्भ सूक्त के माध्यम से स्पष्ट कर दी जाती है.